भारत और फ्रांस ने 2025 के लिए स्वास्थ्य क्षेत्र में सहयोग को किया मजबूत
- Sumantra Mukherjee
- 12 फ़र॰
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नई दिल्ली/पेरिस, 12 फरवरी 2025: भारत और फ्रांस ने डिजिटल हेल्थ, एंटी-माइक्रोबियल रेजिस्टेंस (ए.एम.आर), और स्वास्थ्य पेशेवरों के आदान-प्रदान को 2025 के लिए द्विपक्षीय सहयोग के प्रमुख क्षेत्र के रूप में पहचाना है। इस निर्णय की घोषणा बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पेरिस यात्रा के दौरान दोनों देशों द्वारा जारी एक संयुक्त बयान में की गई।

स्वास्थ्य क्षेत्र में सहयोग को मजबूती
इस समझौते से भारत और फ्रांस के बीच स्वास्थ्य क्षेत्र में बढ़ती साझेदारी को बल मिलेगा। दोनों देशों के नेताओं ने डिजिटल हेल्थ के विकास, एंटी-माइक्रोबियल रेजिस्टेंस की चुनौती और कुशल स्वास्थ्य पेशेवरों की बढ़ती मांग जैसी वैश्विक स्वास्थ्य समस्याओं से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता को स्वीकार किया।
डिजिटल हेल्थ पर विशेष ध्यान
स्वास्थ्य सेवाओं में तकनीक की बढ़ती भूमिका को देखते हुए भारत और फ्रांस डिजिटल हेल्थ समाधानों पर सहयोग करेंगे। भारत के 'आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन' और फ्रांस की ई-हेल्थ पहल इस सहयोग की नींव बनेंगी। दोनों देश टेलीमेडिसिन सेवाओं को उन्नत करने, इलेक्ट्रॉनिक हेल्थ रिकॉर्ड को सुव्यवस्थित करने और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करके चिकित्सा अनुसंधान और रोगी देखभाल को बेहतर बनाने का लक्ष्य रखेंगे।
इस विकास पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा, “भारत ने डिजिटल हेल्थ में महत्वपूर्ण प्रगति की है, और फ्रांस के साथ हमारा सहयोग हमें अपनी डिजिटल स्वास्थ्य प्रणाली को और बेहतर बनाने में मदद करेगा, साथ ही हम फ्रांस की एआई और बड़ी डेटा अनुप्रयोगों में विशेषज्ञता से सीख सकेंगे।”
एंटी-माइक्रोबियल रेजिस्टेंस (एएमआर) पर सहयोग
एंटी-माइक्रोबियल रेजिस्टेंस एक गंभीर वैश्विक स्वास्थ्य संकट है, और दोनों देशों ने इसे नियंत्रित करने के लिए अनुसंधान और नीति पहलों को मजबूत करने का संकल्प लिया है। इस संयुक्त बयान में नए एंटीबायोटिक्स विकसित करने, एंटीबायोटिक्स के जिम्मेदार उपयोग को बढ़ावा देने और निगरानी तंत्र को सुधारने के महत्व पर जोर दिया गया।
फ्रांस, जो एएमआर नीतियों में अग्रणी है, भारत के साथ अपने सर्वश्रेष्ठ अभ्यास साझा करेगा, जबकि भारत का विशाल दवा उद्योग किफायती और प्रभावी समाधान विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इस क्षेत्र में ज्ञान विनिमय और संयुक्त अनुसंधान परियोजनाओं के कार्यान्वयन के लिए एक विशेष कार्य बल का गठन किया जाएगा।
स्वास्थ्य पेशेवरों का आदान-प्रदान
कुशल स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की कमी को दूर करने के लिए भारत और फ्रांस चिकित्सा पेशेवरों, शोधकर्ताओं और छात्रों के आदान-प्रदान को प्रोत्साहित करेंगे। इस पहल में प्रशिक्षण कार्यक्रम, संयुक्त अनुसंधान प्रयास और कौशल विकास कार्यक्रम शामिल होंगे।
भारत के अनुभवी डॉक्टर, नर्स और चिकित्सा कर्मियों को फ्रांस के उन्नत चिकित्सा प्रशिक्षण ढांचे से लाभ मिलेगा, जबकि फ्रांसीसी पेशेवर भारत की विविध स्वास्थ्य चुनौतियों और कम लागत वाली अभिनव चिकित्सा समाधानों का अनुभव प्राप्त करेंगे।
रणनीतिक संबंधों को मजबूती
स्वास्थ्य क्षेत्र में यह सहयोग भारत और फ्रांस के व्यापक रणनीतिक साझेदारी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसमें रक्षा, व्यापार, प्रौद्योगिकी और जलवायु परिवर्तन जैसे विषय शामिल हैं। इस बैठक के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने विभिन्न क्षेत्रों में नवाचार और परस्पर विकास को बढ़ावा देने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
यह समझौता विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की वैश्विक स्वास्थ्य सुरक्षा प्राथमिकताओं के अनुरूप है, जो दुनिया भर में लचीली और स्थायी स्वास्थ्य प्रणालियों की आवश्यकता को उजागर करता है।
आगे की राह
अब दोनों देशों के अधिकारी इन पहलों के कार्यान्वयन के लिए एक विस्तृत कार्य योजना तैयार करेंगे। भारत-फ्रांस संयुक्त कार्य समूह जल्द ही बैठक करेगा, जिसमें इन सहयोगों के लिए विशेष कार्य योजनाओं को तैयार किया जाएगा और उनके समय पर निष्पादन को सुनिश्चित किया जाएगा।
जैसे-जैसे दोनों देश वैश्विक स्वास्थ्य सुरक्षा और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए ठोस कदम उठा रहे हैं, यह साझेदारी उनकी संबंधित स्वास्थ्य प्रणालियों के लिए महत्वपूर्ण लाभ प्रदान करेगी और चिकित्सा क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सहयोग के लिए एक मिसाल कायम करेगी।
(एजेंसियों से प्राप्त जानकारी के साथ)
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